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बेलसोंडा में सरपंच तथा उपसरपंच के बीच आरोप प्रत्यारोप हमेशा सुर्खियों में

महासमुंद : महासमुंद जिले के जिला मुख्यालय के समीप ग्राम पंचायत बेलसोंडा में सरपंच तथा उपसरपंच के बीच आरोप प्रत्यारोप के सिलसिले सुर्खियों में है, जहां आए दिन किसी न किसी मुद्दों को लेकर मीडिया के बीच ग्राम पंचायत बेलसोंडा चर्चाओं के बीच घिरा रहता है, ग्राम पंचायत बेलसोंडा की सरपंच पति पोखन चंद्राकर भी यहीं कहीं चर्चाओं में घिरे रहते हैं। बीते कुछ दिन पहले ही उपसरपंच हुलसी चंद्राकर के पति जितेंद्र चंद्राकर पर मुरूम चोरी कर बेचने का आरोप पोखन चंद्राकर के फोटो सहित मीडिया के बीच पढ़ा गया है। इस बात को लेकर फिर एक बार ग्राम पंचायत बेलसोंडा का नाम सुर्खियों में देखा जा रहा है, ग्राम पंचायत के सरपंच पति पोखन चंद्राकर द्वारा लगाए गए आरोप को सिरे से गलत बताते हुए उप सरपंच श्रीमती हुलसी चंद्राकर पति जितेंद्र चंद्राकर ने कहा है कि गांव के किसी भी मामले में जब वह मुद्दा उठाते हैं तो सरपंच पति पोखन चंद्राकर बेवजह आरोप लगाने तथा अनर्गल बातों को ग्रामीणों के समक्ष प्रस्तुत कर बरगलाने का प्रयास करता है। जबकि ग्राम पंचायत बेलसोंडा के जनता ने निर्वाचन चुनाव में ग्राम विकास के लिए पोखन चंद्राकर की पत्नी को सरपंच चुना है तर्क श्रवण हेतु किसी भी चर्चा परिचर्चा में सरपंच का मुख्य किरदार होनी चाहिए ना कि एक शासकीय कर्मचारी के हस्तक्षेप का, जो की वर्तमान में एक शासकीय कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं और शासन उन्हे सरकारी सेवा करने का तनख्वा देती है ना की ग्रामीणों के बीच विवादों या आरोप प्रत्यारोप के बीच घिरा रहने का , पोखन चंद्राकर को शासकीय कर्मचारी होने के नाते प्रशासनिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, किंतु प्रतिनिधियों के बीच एक शासकीय कर्मचारी होने के बावजूद आए दिन खुद आरोपों के बीच घिरा नजर आते हैं।
जबकि वह सरपंच प्रतिनिधि भी नहीं हैं, सरपंच के किसी भी कार्य को लेकर जब भी कोई सवाल किया जाता है तो बावजूद सरकारी कर्मचारी होते हुए भी खुद आकर विवाद की स्थिति निर्मित करने में आतुर रहने वाले पोखन चंद्राकर को या तो देश की सेवा में समय देना चाहिए या तो फिर सरकारी सेवा छोड़कर जनता का नेतृत्व करनी चाहिए।


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