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पुसौर से प्रेमशिला चौहान की रिपोर्ट ब्लाक रिपोर्टर

जीवन के हरेक क्षण को अंतिम क्षण समझना ही आध्यात्मिक ज्ञान का सार है – बीके सुधा बहनजी ज्ञान की देवी त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी ( मम्मा )का 59 वा स्मृति दिवस सद्भावना भवन में मनाया गया। सुरेश विश्वकर्मा मंडल ब्यूरो महोबा। महोबा कार्यक्रम में महोबा की मुख्य निर्देशिका आदरणीय राजयोगिनी बीके सुधा बहनजी ने सभी भाई बहनों को मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी (मम्मा) के बारे में बताया कि परमात्म यज्ञ को अपने त्याग , तपस्या और स्नेह द्वारा सींचने वाली हम सभी के लिए उदाहरण मूर्त मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी का जीवन परमात्म यज्ञ में एक मिशाल और उदाहरण मूर्त रहा है । इसके कहा की जैसे मम्मा हमेशा सभी भाई बहनों को एक ही प्रेरणा देती थीं कि अपने जीवन के हर घणी को अंतिम घणी समझो। तभी समय रहते हैं संपन्न और सम्पूर्ण बन सकते हैं ।कार्यक्रम में बीके जयदेवी बहन, बीके रागिनी बहन, बीके रूपाली बहन , बीके साधना बहन , बीके बबिता और रिचा बहन सहित सभी बीके भाई बहनें शामिल रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी भाई बहनों ने मातेश्वरी जगदम्बा मम्मा को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और सभी ने ब्रह्माभोजन स्वीकार किया।


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