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600 लीटर जहरीले चिन्ना रस की रोजाना खपत
(तुलसीराम नागेश ब्लॉक रिपोर्टर)

बीते कई दिनों से ग्राम पंचायत बजाडी में सल्फी रस का कारोबार जारी हे। लेकिन इस संबंध में कई बार शिकायत किया जा चुका हे लेकिन आबकारी विभाग के द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया गया ग्राम पंचायत बजाडी पीछले एक साल से लगभग प्रतिदिन रोजाना 200.300लीटर सल्फी रस बिक्री किया जा रहा हे लेकिन सासन प्रशासन की माने तो 5 लीटर पर 34.2 तहत कार्यवाहि किया जाना चाहिए लेकिन किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं हो रहा हे आबकारी अधिकारियों के नाक के नीचे 25 से अधिक गांव पर रोजाना 600 लीटर जहरीले चिन्ह रस बेचकर युवाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते लाखों रुपए कमाए जा रहा है और अपनी काली कमाई का कुछ हिस्सा विभाग अधिकारियों को चढ़ावा चढ़ाते कार्रवाई से बचे हुए हैं जिससे नाराज ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि आबकारी सच्ची एवं कमिश्नर और संगीता से शिकायत करेंगे ताकि गैर कानूनी ढंग से बेची जा रही केमिकल युक्त खजूर रस कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई किया जा सके यहां बताना लाजिमी होगा कि देवभोग वाला का अंतर्गत बड़ी गंगरारपुर सास के शराब दुकान से 500 मीटर दूर मंडी के समीप बी पर कॉमेडी कला दीवान मोड दिल्ली पर के साथ मैनपुर धरनी डोरा झाड़गांव मुजवल उरमाल धोबिन माल जैसे 25 गांव में आंध्र प्रदेश के लोग निवासरत होकर केमिकल पाउडर को पानी में मिलने खजूर रस की तर्ज पर बेच रहे हैं यह खजुरास युवाओं के लिए सबसे ज्यादा घातक माना जाता है क्योंकि जहरीले खजुराहट सीधा-सीधा छाती पर असर करने के साथ चेहरा पर सूजन की स्थिति बनती है कुछ जहरीली खजूर राज प्रेमी तो पेन किलर लेकर भी खजूर रस का सेवन करते हैं। जहरीली खजुरा सेवन करने वालों की माने तो 50 रुपए की आधा लीटर पॉलिथीन पैकेट पर दिया जाता है। और ऐसे हजारों पॉलिथीन पैकेट सास के शराब दुकान से 500 मीटर दूर मंडी के पीछे और बी पर झाड़गांव धोबिन मॉल में देखा जाता है जिससे आपकारी विभाग की सिपाही से लेकर जिला प्रमुख अधिकारी भी भलीभांति औकात है जहरीली खजूर रस कारोबारी की नाम जाट रिपोर्ट होती है बावजूद इसके आज तक जहरीले खजुरास विक्रेताओं के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाया शायद ही वजह है कि आबकारी विभाग अधिकारियों पर चढ़ा हुआ लेकर जहरीले खजुरास विक्रेताओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया जा रहा है।

स्कूली बच्चे जहरीले खजूर रस की चपेट में
सबसे दुर्भाग्य की बात तो यह है कि जहरीली खजूर रस से ही स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे भी अछूत नहीं है खजूर रस विक्रेताओं के घर पर ऐसे कई नाबालिक और पढ़ने वाले बच्चों को आसानी से देखा जा सकता है जिसकी चिंता अक्सर पलकों में भी है तभी जहरीले खजूर रस विक्रेताओं के पास पहुंचकर अपने-अपने बच्चों को जहरीले रस नहीं देने के लिए कहा जाता है फिर भी ऐसे बच्चों के बीच या खजुराआसानी से उपलब्ध होता है। बावजूद इसकी आबकारी अधिकारियों के कानों में जून तक नहीं रहता जबकि जहरीले खजूर रस के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई दफा विभाग के अवसरों के बीच कहा जा चुका है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं। शायद यही वजह है कि जहरीली चिन्ह रस विक्रेताओं का मनोबल बढ़ा हुआ है पहले की तुलना वर्तमान में काफी अधिक संख्या में यह कारोबार फैल रहा है मतलब जहरीले चिन्ह रस कारोबारी को युवाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए खुला छूट मिला है तभी जहरीले खजूर रस पर लगन नहीं लग पा रहे हैं।

5 लीटर से अधिक पर 34 -2 के तहत कार्यवाही

कानूनी जानकारों की माने तो 5 लीटर से अधिक जहरीले खजूर रस के खिलाफ 34 – 2 के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया जा सकता है मगर इस तरह की कार्रवाई अब तक सामने नहीं आ पाई है जबकि प्रतिदिन रोजाना चिन्ह रात 500 से 600 लीटर बिक्री किया जा रहा है लेकिन फिर भी शासन प्रशासन के द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं किया जा रहा है। जिससे आब कारी अधिकारी भी वाकिफ है ।मगर करवाई तो दूर की बात जहरीले खजूर रस विक्रेताओं के द्वारा तक झांकने नही जा रहे है। ऐसे में स्थानीय आबकारी अधिकारियों से कार्रवाई की उम्मीद किस तरह किया जा सकता है


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