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सृष्टि के आदिकाल से ही नारी की महत्ता अक्षुण्ण है:जन्मजय

सरायपाली- 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गोपनाथ विद्या मंदिर हा.से.स्कूल जोगनीपाली (सरायपाली) में आयोजित शनिवारीय गतिविधि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वंदेमातरम् सेवा संस्थान छ.ग.के उपाध्यक्ष,शिक्षक जन्मजय नायक ने उक्त बाती कही।इस अवसर पर उन्होंने कहा सृष्टि के आदिकाल से ही नारी महत्ताअक्षुण्ण है।नारी सृजन की पूर्णता है।उसके अभाव में मानव के विकास की कल्पना असंभव है।समाज के रचना विधान में नारी के मां,प्रेयसी,पत्नी,पुत्री आदि अनेक रूप हैं।वह सम परिस्थिति में देवी है तो विषम परिस्थिति में दुर्गा भवानी है।उसकी उपेक्षा करके मानव पूर्णता प्राप्त नहीं कर सकता।वह समाज रूपी गाड़ी का एक पहिया है जिसके बिना समग्र जीवन पंगु है।
नायक ने आगे कहा ‘नारी केवल एक शब्द नहीं बल्कि संपूर्ण सृष्टि का आधार है।’वह जीवन दायिनी है।प्रेम की मूर्ति,त्याग का स्वरूप और रिश्ते संवारने वाली शक्ति है।वह संघर्ष नहीं ममता और त्याग की देवी है।वह शक्ति भी जो दानवों का विनाश करती है।वह नवनिर्माण की शक्ति है जो मनुष्य को देवत्व की ओर ले जाती है।आज नारी प्रत्येक क्षेत्र में पदार्पण कर रही है उसका भविष्य उज्जवल एवं मंगलमय है।आज के दिन हम सब उन्हें सादर वंदनऔर नमन करते हैं।
नायक ने आगे कहा-‘एक सशक्त नारी,एक सशक्त समाज की पहचान है।’अगर हम किसी समाज को मजबूत बनाना चाहते हैं,तो सबसे पहले महिलाओं को सशक्त बनाना होगा।महिलाओं को उनके अधिकार, शिक्षा,रोजगार,और मर्यादित स्वतंत्रता देना होगा ताकि वे अपने जीवन को अपनी शर्तों पर जी सके। इस दिवस पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हम महिलाओं का सम्मान करेंगे और उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे। इस अवसर पर विद्यालय के उपसंचालक दुर्गा चरण नायक,प्राचार्या जज्ञसेनी मिश्रा,शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।


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