

बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ के बैनर तले आगामी 21 नवंबर 2024 को बाजपेयी मैदान बिलासपुर में प्रात 11.30 बजे से छठवां विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर विशाल मछुआरा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें श्री एम आर निषाद जी के नेतृत्व में समस्त छत्तीसगढ़ मछुआरा समाज सहित बलौदाबाजार-भाटापारा मछुआरा समाज के पदाधिकारी शामिल होंगे। वहीं श्री अर्जुन कुमार केंवट जिला अध्यक्ष छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ जिला बलौदाबाजार-भाटापारा ने जानकारी दी की मछुआरा समाज के केवट, धीवर, कहार, कहरा, मल्लाह जाति को अनुसूचित जनजाति को दर्जा दिलाना पूर्व में 8 मई 2008 को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा अपने कैबिनेट में उक्त जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव पारित कर केन्द्र शासन को भेजा था किंतु गलत निर जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट भेजे जाने के कारण केन्द्र शासन द्वारा पुन सुधार के लिए वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ शासन को वापिस किया गया था जिसे सुधार कर तत्कालिक सरकार से दोबारा भेजने के लिए आग्रह किया गया किंतु छत्तीसगढ़ शासन से रिपोर्ट नहीं जाने के कारण आज भी प्रकरण लंबित है। 7 जनवरी 1950 को भारत शासन द्वारा प्रकाशित राजपत्र में माझी के अंतर्गत केवट, मल्लाह, भोई, ढीमर को संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप आरक्षण दिया गया था। जिसे बाद में विलोपित कर दिया गया इसे विलोपित करने के पीछे राजनीतिक षडयंत्र हमारे सामाजिक नेताओं के पास इससे होने वाले लाभ की अनभिज्ञता समाज का टुकड़े टुकड़े में विभाजित होना जिसके कारण आज तक आरक्षण का लाभ मछुआरा समाज को नहीं मिल सका अब समय आ गया है एक बार पुनः सड़क से सदन तक की लड़ाई के लिए अपनी संगठित शक्ति का परिचय देने का महासंघ के बैनर तले मछुआरा सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में स्वजातीय बंधु उपस्थित होवे एवं समस्त जिला एवं क्षेत्र में निवास करने वाले हमारे मछुआरा भाइयों बहनों वरिष्ठ जनों प्रबुद्धजनों युवा साथियों से अपील है, कि अपने हक व अधिकार के लिए 21 नवंबर 2024 को अधिक से अधिक संख्या में बिलासपुर पहुंचकर मछुआरा सम्मेलन को सफल बनाएँ।