पत्रकार रामप्रकाश गुप्ता की रिपोर्ट

बांदा। मामला बबेरू क्षेत्र में फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाली महिला को सीएचसी से जिला अस्तपाल रेफर किया गया था। शनिवार की शाम जिला अस्पताल में महिला को भर्ती किया गया और चिकित्सक ने उपचार शुरू कर दिया। महिला का देवर बार-बार चिकित्सक से बेहतर उपचार के लिए मनुहार कर रहा था। इसी बात को लेकर महिला के देवर और ट्रामा सेंटर में तैनात चिकित्सक के बीच तकरार हो गई। इस पर चिकित्सक के गुर्गे वहां पहुंचे और युवक को घसीटकर ट्रामा सेंटर कैंपस में बनी चौकी में ले गए। वहां पर उसके साथ बेरहमी के साथ मारपीट की। ट्रामा सेंटर में हंगामे की स्थिति बन गई। खबर पाकर सीएमएस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पीड़ित ने कोतवाली में तहरीर दी है।
बबेरू कस्बा निवासी मोहन की 40 वर्षीय पत्नी कमलिया ने शनिवार को घर में अज्ञात कारणों के चलते फंदा लगाकर जान देने का प्रयास किया। परिजनों ने देखा तो उसे फंदा काटकर सीएचसी बबेरू ले गए, वहां पर प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर सीएचसी से महिला को जिला अस्तपाल रेफर कर दिया गया।बांदा में मारपीट 2 परिजन महिला को लेकर जिला अस्पताल आए। वहां पर भर्ती करने के बाद महिला कमलिया का उपचार शुरू कर दिया। कमलिया की हालत देखकर उसका देवर शिवशंकर घबरा रहा था। वह ट्रामा सेंटर में तैनात चिकित्सक डा. प्रदीप के पास पहुंचकर बार-बार मरीज को देख लेने की बात कह रहा था। इसी बात को लेकर डाक्टर और शिवशंकर के बीच कहासुनी हो गई। तेज आवाज में बातें होने लगी। इस पर पहले ट्रामा सेंटर में शिवशंकर के साथ चिकित्सक की मौजूदगी में उनके गुर्गों ने मारपीट की। इसके बाद गुर्गे शिवशंकर को पकड़कर ट्रामा सेंटर के बगल में बनी चौकी में ले गए और वहां उसके साथ जमकर मारपीट की। शिवशंकर बदहवास हो गया। ट्रामा सेंटर में हंगामा होने की खबर पाकर प्रभारी सीएमएस डा. आरके गुप्ता मौके पर पहुंच गए। सीएमओ के भी मौके पर पहुंचने की खबर है। किसी तरह से मामले को शांत किया गया। इधर, पीड़ित शिवशंकर की ओर से नगर कोतवाली में तहरीर दी गई है। कोतवाल अनूप दुबे का कहना है कि मामले की जांच करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि घटना के बाद ट्रामा सेंटर से ईएमओ डा. प्रदीप गुप्ता को इमरजेंसी से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और दोषी मिलने पर चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ज्यादातर खाली रहती है ट्रामा सेंटर चौकी
शनिवार की शाम को तीमारदार शिवशंकर के साथ बेरहमी के साथ अस्पताल में डाक्टर के गुर्गों ने मारपीट की, इससे चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की संवेदनहीनता स्पष्ट नजर आती है। आपको बताते चलें कि ट्रामा सेंटर में चौकी इसलिए खोली गई थी कि अस्पताल में होने वाले किसी भी विवाद या मारपीट जैसी घटना को रोका जा सके। लेकिन अफसोस की बात यह है कि ट्रामा सेंटर की चौकी की कुर्सी हमेशा खाली पड़ी रहती है। इसके चलते आए दिन मरीजों व तीमारदारों के साथ मारपीट होती है।